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Showing posts from September, 2018

ग्राउंड पर दिखा धोनी का गुस्सा, कुलदीप को कहा- बॉलिंग करेगा या चेंज करूं

शनल डेस्क । एशिया कप  में टीम इं डिया और अफगानिस्तान के बीच सबसे रोमांचक मुकाबला हुआ। एमएस धोनी कुलदीप यादव पर गुस्सा करते दिखे। मैच में टीम इंडिया के लिए कप्तानी कर रहे थे एमएस धोनी टीम इंडिया जब बॉलिंग कर रही थी तो कुछ ऐसा हुआ जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. एमएस धोनी कुलदीप यादव पर गुस्सा करते दिखे। उन्होंने गुस्से में ये तक कह दिया- 'बॉलिंग करेगा या किसी और को दें.' सोशल मीडिया पर वीडियो काफी वायरल हो रहा है। भारत-अफगानिस्तान मैच हुआ टाई अफगानिस्तान ने 252 रन बनाए तो टीम इंडिया भी 252 रन बनाकर ऑल आउट हो गया। अफगानिस्तान एशिया कप से भले ही बाहर हो गया हो लेकिन उनका परफॉर्मेंस शानदार रहा। सुपर-4 में भी उन्होंने काफी क्लोज मैच खेले हैं। अच्छी-अच्छी टीमों को जीतने के लिए तरसा दिया। फोन चार्ज करने के लिए कॉकपिट में घुस रहा था यात्री, विमान से उतार दिया ग या मुंबई. इंडिगो की फ्लाइट के कॉकपिट में घुसने की कोशिश कर रहे एक यात्री को मुंबई एयरपोर्ट पर ही उतार दिया गया। यह घटना सोमवार की है। इंडिगो का यह विमा न मुंबई से कोलकाता जा रहा था। व

在天空中监测全球水资源

理解水资源 对生态环境和人类 社会的影响,离不开科技手段的支撑。过去十六年,一对由美国国家航空航天局( )和德国航空太空中心发射的卫星( )在地球轨道上移动,通过不同区域地球引力的差异来判断流域水储量的大小,以此追踪水在海洋中、陆 地上以及大气层 中的运动。 全世界的科学家们利用 观测到的数据完整而精确地监测流域水储量的巨大变化。近年来基于 观测的研究表明,直接的人类活动和 气候变化正越来 越深刻地影响全球的水文情势。 太空中的“眼睛”   双星于2002年发射升空,两颗卫星在距地400多公里的轨道上运行。与其他卫星工作原理不同的是, 卫星探测的是地球 重力场的细 微变化。地球上的海洋、冰川和地下水的流动和改变,都会影响地球某些区域的相对“重量”,从而引起地球重力场的相应变化。这微弱的变化逃不过两颗卫星的“眼睛”。重力场的变动会改变两颗卫星之间的相对距离,并被卫星通过微波测距技术记录下来。根据这一数据,研究者可以推算出地球重力场发生的 改变,进而估计 出水的总体质量发生的变化。 追踪水资源变化   年以来, 重力卫星为 我们描绘了全球淡水可用 性的面貌。最近的一项研究对2002年到2016年 卫星观测到的34个水储量变化趋势进行了量化分析。这些区域水储量的上升或下降幅度都远远超过了之前水文模型的模拟,有些观测区域的变化是模拟数据的十倍之多。 所谓流域总水储量 (  )由几部分组成,包括地表水(湖泊、水库、河流、冰川、积雪等)、土壤水和地下水。 根据 该研究,气候 变化和人类活动深刻改变了全球水文情势。这在中国华北地区相当明显,大规模引调水工程,以及最近的节水小麦推广,都是人类活动显著改变区域水储量及其分布的重要例证。 被低估的影响 同样根据 重力卫星的监测数据,2018年初发表 的一项研究指 出,所有的水文模型都严重低估了全球流域水储量的变化。 研究发现 底格里斯 河流域、恒河流域、印度河流域和美国加州中央谷地等区域由于农业灌溉、地下水开采造成陆地水储量的大幅度减少;同样水储量大量减少的美国阿拉斯加、南美的巴塔哥尼亚等则是由于气候变化造成的大规模冰川融化;而在冈比亚、尼日尔、南非、印度中部、中国青藏高原北部以及长江中下游地区都发现了明显的陆地水储量的增长。该研究的作者之一,清华大学水利水电工程系龙笛研究员告诉中外对话,水储量的减少

बच्चों के लिए प्रैम मददगार या ख़तरनाक?

भारत से बच्चा गोद लेने वाले इस कार्यक्रम के दो बारा शुरू होने का फ़ायदा ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिकों को भी मिलने की उम्मीद है. 42 साल की जॉयलक्ष्मी और उनके पति मंजीत सिंह सैनी ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में रहते हैं. जॉयलक्ष्मी और मंजीत पिछले 8 साल से इस कार्यक्रम के दोबारा शुरू होने का इंतज़ार कर रहे हैं. जॉयलक्ष्मी को साल 2008 में एंडोमीट्रियोसिस ऑपरेशन करवाना पड़ा था, इसी वजह से वो अब गर्भधारण नहीं कर सकतीं. जॉयलक्ष्मी कहती हैं कि वे फ़िलहाल यह सोच रही हैं कि ऑस्ट्रेलिया में ही स्थानीय जगह से बच्चा गोद लें या फिर भारत के साथ शुरू होने वाले अडॉप्शन कार्यक्रम के तहत भारतीय बच्चे को गोद लें. जॉयलक्ष्मी ने मां बनने के लिए सरोगेसी का रास्ता भी अपनाया लेकि न वे इसमें सफल नहीं हो पाईं. जॉयलक्ष्मी कहती हैं, ''हमारे लिए बच्चा गोद लेना ही आख़िरी रास्ता है, साल 2010 में हम भारत से दो बच्चों को गोद लेना चाहते थे लेकिन फिर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इंटरकंट्री अडॉप्शन प्रोग्राम रोक दिया गया.'' मैरी जोन्स (बदला हुआ नाम) एक सिंगल मदर हैं. वे क्वींसल

रहस्यमयी रासलीला: शाम होते ही लोग क्यों छोड़ देते हैं निधिवन?

भगवान श्री कृष्ण के बांके बिहारी रूप औ र बाल लीला ओं के लिए विख्यात मथुरा जिले के वृंदावन में लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं. इसी वृंदावन में एक ऐसी जगह भी मौजूद है जिसको लेकर मान्यता है कि वहां हर रात भगवान  श्री कृष्ण और राधा रानिधिवन के नाम से पहचानी जाने वाली इस जगह को लेकर कई ऐसी मान्याताऐं हैं, जिन पर विश्वास करना कठिन है. जानिए निधिवन की मान्यताओं और उससे जुड़ी रोचक कहानियों के बारे में.निधिवन में मौजूद पंडित और महंत बताते हैं कि हर रात भगवान  श्री कृष्ण के कक्ष में उनका बिस्तर सजाया जाता है, दातू न और पानी का लोटा रखा जाता हैं. जब सुबह मंगला आरती के लिए पंडित उस कक्ष को खोलते हैं तो लोटे का पानी खाली, दातून गिली, पान खाया हुआ और कमरे का सामान बिखरा हुआ मिलता है. पौराणिक मान्यता है कि निधिवन बंद होने के बाद भी यदि कोई छिपकर रासलीला देखने की कोशिश करता है तो वह पागल हो जाता हैं. मंदिर के महंत और आसपास के लोग इससे जुड़े कई किस्से सुनाते हैं. दावा ये भी किया जाता है कि वहां मौजूद पशु-पक्षी भी शाम होते ही, वन छोड़ देते हैं.स रचाने आते हैं.निधिवन में मौजूद पेड़ भी अपनी तरह